Puzzle of life :journey of unraveling life's mysteries:first law "uncertainty"

योजनाओं से जीवन निर्धारित नहीं हो सकता क्योंकि जीवन मे अनिश्चितता का अपना अहम रोल है। एक स्क्रिप्ट की तरह जीवन को एक कहानी में बांधा नही जा सकता।हम जिद करते है अपनी कहानी को पूर्वनियोजित करके उसे जीवन के खांचे में फिट करना चाहते है और हम ये भी भूल जाते है कि हमे अधिकार नही है अपने से अलग लोगो के संवाद लिखने का।हम अपने जीवन मे शामिल लोगों का एक चरित्र चित्रण करते है और फिर दुखी होते है जब वो अपना रोल हमारी कल्पना के अनुसार नही निभाते।जाने अनजाने हम सभी के लिए सही व गलत का निर्धारण करते है यानी अपने जीवन मे शामिल लोगों की स्वतंत्रता को बाधित करते है वो भी बस अपनी एक कल्पनाशील स्क्रिप्ट को साकार करने के लिए।आप स्वयम सोचिए क्या आप भी ये ही नही करते और फिर आपकी कहानी जब नही जमती तो दोषारोपण का जाल बुनकर स्वयम को उलझा लेते है। हमारी सभी शिकायते दुसरो से हमारी आकांक्षाओ के कारण होती है।ना स्वतंत्र रहना सीखते है ना स्वतंत्रता देना ही आता है हमे।यदि हर आने वाले पलो को योजनाओं के शिकंजे में न कसे बल्कि हर पल की अ...