चेतना शक्ति व निर्णय

जब हमे कुछ निर्णय करना होता है तो प्राय: हम तर्क शक्ति का प्रयोग करते हैं। हमारी दुविधा यही होती है की दो निर्णयो मे से सही क्या होगा। मस्तिष्क की प्रवृत्ति होती है वो आत्मरक्षा की नीति अपनाकर अच्छे व बुरे मे भेद करता हैं। अधिकांशतः ये निर्णय भय आधारित होते है।ये भी सत्य है की हमे इसका अनुमान भी नही लगता कि भय हमारे निर्णयो को प्रभावित करता है। मस्तिष्क शान्त कर अपने अन्दर की आवाज को सुनने का प्रयास करें। कभी कभी सोच विचार के किये गये निर्णय हमारे अंतरमन को मंजूर नही होते क्योंकि वास्तविकता यह हैं की हमारा मस्तिष्क नही बल्कि हमारी चेतना जानती है कि हमारे लिये क्या सही हैं। cartomancy हमारे सामने अन्तः चेतना के जवाब ही प्रस्तुत करती है। मेरी एक मित्र अपनी जॉब के लिये cards से प्रश्न करती थी पर कई महिनो से जवाब आता आपका pair बन चुका हैं और ये समय विवाह का है। वो जॉब चाहती पर ईश्वरीय योजना उसके विवाह की थी। उसका 10 वर्षो से दूर रहा एक मित्र लोट कर आया व उनका विवाह हुआ जो बहुत सफल है । ईश्वरीय योजना हमारी समझ से परे होती है। cartomancy से सपष्ट हो जाता है कौन सा निर्णय उत्तम है यहाँ तर्क निराधार हो जाते हैं।

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
मेरे अंतर्मन में भी एक ऐसी रही ही स्थिति है जिसे मैं समझ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन पर आस्था

Power of self Affirmation

The third rule of life is the "Law of Life's Bank Account"