what is life
जीवन की विभिन्न परिभाषाएं अलग अलग परिकल्पनाएं प्रस्तुत करती है। आनंद लेना मस्त रहना जीवन है या संघर्षरत रहकर कुछ प्राप्त करना जीवन है, प्रेम इसका उद्देश्य है या कुछ अलग कर दिखाना। बड़ी अबूझ पहेली है ये जीवन। जीवन को जीने का सबका अलग अलग तरीका है कोई अनुशासन को महत्व देता हुआ कोई मनमानी को।कोई सब प्राप्त करने को जीवन कहता है कोई सर्वस्व लुटाने को।
क्या सच मुच सहज शांति को गवाकर हम अपना सही विकास करते है?क्या जीवन के प्रति बचपन का प्रेम बड़े होने पर खीज में नही बदल जाता?क्या बहुत कुछ होने पर एक स्थायी खालीपन नही आ जाता।हमे अपने विकास का तरीका बदलना होगा ,जीवन की खूबसूरती के साथ ही चलना होगा। सहजता,सरलता,सरसता,खुशी ,शांति,आनंद को बढ़ाना होगा इनके मोल पर कोई अन्य वस्तु के लोभ से बचना होगा।
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