जीवन पर आस्था

 


चट्टानों को चीर कर निकलते खिलते ये फूल जीवन के एक सत्य का उदघाटन करते है कि आस्था आपको मुश्किलों से निकाल कर खिलने का एक अवसर अवश्य देती है बस आपको ये पता नही होना चाहिए कि क्या सम्भव है व क्या असंभव।
ज्ञान का ना होना भी सुखद है क्योकि फिर हमारी सीमाएं अनंत हो जाती है ।छोटा बच्चा चलना सीख ही लेता है क्योंकि उसे कोई नही समझा पायेगा की तुम्हारे लिए चलना कितना मुश्किल है ।
पत्थरो में खिलते फूल इसी लिए खिले की वो खिलना चाहते और उनका प्रयास आसान नही रहा होगा पर वो प्रकृति पर अटूट विश्वास के बंधन से बंधे थे और बस यही जानते थे उन्हें खिलना ही है वो खिलेगे।
हम भी बस इतना समझ ले कि जो भी जरूरी है वो मिलना तय है जो भी लोभ है वो छीनना तय है तो व्यर्थ सपनो मे अपनी ऊर्जा व्यय नही करेंगे व जो जरूरत है उन्हें पूरा होना ही है तो चिंता की अग्नि में नही जलेंगे।
स्वप्न वही साकार होंगे जो सृष्टि के सामंजस्य में है ।लोभ से चूर सपने विनाश का बीज होते है ।तो सावधान रहें आगे बढे आस्था से जीवन तुम्हे पुरुस्कार देगा यदि साहस व आस्था से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने जुट जाओगे ।
अहंकार व लोभ तो वो छलावा है जो देकर छिनता है व दुख भरने ही नही देता।
आपके प्रयासों के पीछे क्या है ध्यान दे क्या विचार? व क्या भावनाए ?क्योकि परिणाम तो ये दोनों ही तय करते है और फूल पत्थर में भी खिलते है।

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Cartomancer Minakshi
A way of blissful living

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