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चेतना शक्ति व निर्णय

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जब हमे कुछ निर्णय करना होता है तो प्राय: हम तर्क शक्ति का प्रयोग करते हैं। हमारी दुविधा यही होती है की दो निर्णयो मे से सही क्या होगा। मस्तिष्क की प्रवृत्ति होती है वो आत्मरक्षा की नीति अपनाकर अच्छे व बुरे मे भेद करता हैं। अधिकांशतः ये निर्णय भय आधारित होते है।ये भी सत्य है की हमे इसका अनुमान भी नही लगता कि भय हमारे निर्णयो को प्रभावित करता है। मस्तिष्क शान्त कर अपने अन्दर की आवाज को सुनने का प्रयास करें। कभी कभी सोच विचार के किये गये निर्णय हमारे अंतरमन को मंजूर नही होते क्योंकि वास्तविकता यह हैं की हमारा मस्तिष्क नही बल्कि हमारी चेतना जानती है कि हमारे लिये क्या सही हैं। cartomancy हमारे सामने अन्तः चेतना के जवाब ही प्रस्तुत करती है। मेरी एक मित्र अपनी जॉब के लिये cards से प्रश्न करती थी पर कई महिनो से जवाब आता आपका pair बन चुका हैं और ये समय विवाह का है। वो जॉब चाहती पर ईश्वरीय योजना उसके विवाह की थी। उसका 10 वर्षो से दूर रहा एक मित्र लोट कर आया व उनका विवाह हुआ जो बहुत सफल है । ईश्वरीय योजना हमारी समझ से परे होती है। cartomancy से सपष्ट हो जाता है कौन सा निर्णय उत्तम है यहाँ तर्क

प्रेम एक कर्म

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प्रेम एक शब्द ही नही, कुछ अधिक हैं। प्रेम एक  विचार ही नही, बल्कि उससे कुछ अधिक हैं, प्रेम एक भावना ही नही, कुछ अधिक हैं । प्रेम एक निर्णय हैं, एक कर्म हैं, प्रेम एक अनुभूति हैं। प्रेम तब प्रेम हैं, जब उसमे अंश्ंमात्र भी भय का समावेशन ना हो। जब उसमे शर्तो का व्यापार ना हो। प्रेम मे स्वार्थ की मिलावट ना हो। अहसास करों निश्छल प्रेम का कब अनुभव हुआ था। जब बारिश के पानी मे कागज की नाव तैरने लगी तो बाल मन की खुशी प्रेम हैं, सर्दी की सुबह मे धूप का स्पर्श प्रेम हैं, बच्चे की मुस्कान जो ह्रदय मे लहर पैदा करती हैं वो प्रेम हैं। प्रेम से ही हमारा अस्तित्व हैं, प्रकृति प्रेम हैं। बीज जब मिट्टी का स्पर्श पाता हैं तो जीवन अंकुरित होता हैं, ये प्रेम हैं। यदि सवेरे से रात तक के प्रकृति के दृश्य पर ध्यान दे तो मन बार बार भाव विभोर होगा पर उसके लिये बच्चो सा साफ ह्रदय चाहिये। प्रेम वो नही जो हर रिश्ते मे सुविधानुसार कम या ज्यादा होता हैं। वो तो स्वार्थ हैं, जिसके लाभ देखकर हम उसे प्रेम का नाम दे देते हैं। ये नकली प्रेम स्वार्थ व लाभ के अनुपात मे बदलता रहता हैं, बच्चे को ये स्वार्थ रुपी प्रे

भय या प्रेम

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दो शब्दो मे जानना हो तो जीवन के दो पहलू हैं । एक प्रेम दूसरा भय ।  अहसास करो, इसी क्षण क्या महसूस हो रहा हैं, प्रेम या भय ? जीवन से प्रेम हैं या इसका भय है,जीवनसाथी से प्रेम है या उसे खोने का भय हैं । बच्चो से प्रेम है या उनके भविष्य का भय? नौकरी या अपने काम से प्रेम हैं या भयवश कर रहे हैं?  जागरुक हो जाईये भय को धुरी मत बनाओ । निर्णय लो अपने से जुड़ी चीजो से व्यक्तियो से प्रेम करने का । हा प्रेम एक निर्णय हैं और भय भी आप हर क्षण सक्षम हैं निर्णय लेने मे । प्रेम दो, आपको भी मिलेगा कई गुना होकर । देना सीखो यही नियम हैं। जो पाना चाहते हो देना शुरु करों। भय को अपना सलाहकार मत बनाओ । किसी ईश्वर की आवश्कता नही ,बस प्रेम की जरुरत हैं।  सर्वप्रथम स्वयं से प्रेम करे ,खुद को पसन्द करें।  अपना ख्याल रखे, तभी आप ओरो से भी प्रेम कर पायेगे । good luck

Benefits of Cartomancy

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Cartomancy दिशा दे सकती हैं ,समाधान प्रस्तुत कर सकती हैं ,आपकी आन्तरिक इच्छा प्रकट कर देती हैं। आप अपने व्यक्तित्व के चारो आयामो को जान पाते हैं । आपकी खुशी संतुष्टि के स्रोत को खोजा जा सकता हैं cartomancy के माध्यम से । Minakshi Gupta Cartomancer

सुनहरा नियम

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स्वयं को पहचानना आवश्यक हैं। मेरे पास लोग अक्सर धन सम्बंधित समस्या लेकर आते हैं, पर जब reading का विश्लेशण करती हूँ तो धन फिर भी संतोषजनक होता हैं व वास्तविक समस्या कही भावनात्मक या मन के स्तर पर होती हैं। असंतुष्टि का कारण स्वयं की चेतना से सामन्जस्य मे ना होना होता हैं। प्रत्येक मनुष्य एक विशिष्ट गुण के साथ जन्म लेता हैं, और हमे वास्तविक संतुष्टी उस गुण को प्रकट करने मे मिलती हैं। पर जीवन निर्वाह मे ही लगे रहने के कारण हम अपने अन्तर्निहित गुण को अनदेखा कर देते हैं। इस प्रकार अपनी क्षमताओं से दूर हो जाते हैं। देने का नियम भुल जाते हैं। सुनहरा नियम है की जो पाना चाहते हो देना शुरु करो।   Minakshi Gupta Cartomancer

आप रचियता हैं

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Cartomancy का सार हैं की "आप रचियता हैं "। ये शक्ति हम सबके पास समान रुप से हैं । हम जीवन के सच्चे सिध्दांतों के सामन्जस्य मे रहे तो निश्चय ही अपने अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यदि अपनी भावना व विचारो की जिम्मेदारी हम ईमानदारी से ले तो अधिकाँश मुश्किले हल हो सकती हैं । आज आप किसी भी परिस्तिथियों मे हो पर हमेशा समर्थ हैं आने वाले पल की रचना करने मे ।100%आपके हाथ मे नही पर 90%से ज्यादा आपके अधिकार क्षेत्र मे है। यदि अपनी सामर्थ पहचाने तो फिर वही इच्छा पूरी नही होगी जो आपके हक मे नही होगी। cartomancy से हम पता कर सकते हैं कि हमारी वास्तविक इच्छा हैं क्या ?बहुत लोगो को नही पता होता की उन्हे वास्तविकता मे क्या चाहिये?क्या पाना हमारे लिये अच्छा हैं और क्या अच्छा नही?हमारे मस्तिष्क से निकली हर इच्छा ,हर समाधन जरूरी नही हमारी चेतना के अनुसार हो। मस्तिष्क तर्क पर कार्य करता हैं। यदि वह शान्त हैं तो उत्तम समाधन पर पहुच जायेगा पर भय ,निराशा व नफरत आदि से युक्त हैं तो निर्णय गलत भी हो सकता हैं। Cartomancy आन्तरिक चेतना के समाधान प्रस्तुत करती हैं। जिससे सम्बंधित प्रश्न हो

Cartomancy

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Cartomancy हमे अपने भविष्य को सवारने के लिये जो उपाय बताती हैं वो ज्योतिष के उपाय से भिन्न हैं। ये उपाय जितने सुनने मे सरल हैं उतने ही करने मे मुश्किल भी हैं। पर ये मुश्किल कार्य हम कर ले तो जीवन की मुश्किल आसान हो जाती हैं । मेरी अधिकांश reading मे उदासी को मन से दूर करने का उपाय आता हैं। जब मै कहती हुँ कि बस मन की उदासी दरिया मे डालो और प्रसन्नता को अपना साथी बनाओं सब बड़ी आसानी से हाँ कहते हैं। पर यही से मुश्किल शुरु होती हैं अगली बार वो फिर आते हैं कहते हैं ये काम हो जाये या वो व्यक्ति सुधर जाये तो मेरा मन प्रफुल्लित हो।मै कहती हु पहले ये काम करो की खुश रहो तो बाकि सब अच्छा होगा। ये बात समझना ,मानना व अपनाना मुश्किल होता हैं। इसे करने के लिये भी मै प्रार्थना वाक्य बताती हु जो यदि बोले जाये तो अवचेतन से हमार उपचार करते हैं । जो लोग इसके उपाय ईमानदारी से मानते हैं वो नि:सन्देहअच्छे परिणाम पाते हैं । हुकुम का 9 उदासी या निराशा का कार्ड हैं ।यदि ये प्रश्नकर्त्ता के कार्ड के पास आये तो मन का उपचार जरुरी हो जाता हैं। cartomancy के उपाय करने मे मुश्किल हैं क्योकि इसमे हमे परिस्थितयों मे न