रचना करे अपने भविष्य की अपने विचारों व भावनाओं से


अनुभव ही आधार होते है हमारे विचारों व भावनाओ के, पर उनके आधार पर जीवन जीना वैसा ही है जैसे हमने अपने अतीत को भविष्य की रचना करने की शक्ति दे दी हो। क्या ये सही है कि अतीत को ही मापदण्ड मान ले तो फिर रचनात्मकता का क्या अर्थ रह जाता है?
अनुभव के आधार पर विचार व भावनाओं को न स्वीकार करे बल्कि मनचाहे विचारो व भावनाओं का निर्माण करे जो अतीत से अलग आपकी इच्छा के अनुरूप भविष्य को आकार दे सके।
विश्वास करना एक शक्ति है, विश्वास करे स्वयं पर ,दुसरो पर,जीवन पर,ईश्वर पर,जीवन की योजना पर
जो भी हमारा विश्वास होता है अधिकांश मामलों में वही साकार हो जाता है।

Minakshi Gupta
Cartomancer

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