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जीवन पर आस्था

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  चट्टानों को चीर कर निकलते खिलते ये फूल जीवन के एक सत्य का उदघाटन करते है कि आस्था आपको मुश्किलों से निकाल कर खिलने का एक अवसर अवश्य देती है बस आपको ये पता नही होना चाहिए कि क्या सम्भव है व क्या असंभव। ज्ञान का ना होना भी सुखद है क्योकि फिर हमारी सीमाएं अनंत हो जाती है ।छोटा बच्चा चलना सीख ही लेता है क्योंकि उसे कोई नही समझा पायेगा की तुम्हारे लिए चलना कितना मुश्किल है । पत्थरो में खिलते फूल इसी लिए खिले की वो खिलना चाहते और उनका प्रयास आसान नही रहा होगा पर वो प्रकृति पर अटूट विश्वास के बंधन से बंधे थे और बस यही जानते थे उन्हें खिलना ही है वो खिलेगे। हम भी बस इतना समझ ले कि जो भी जरूरी है वो मिलना तय है जो भी लोभ है वो छीनना तय है तो व्यर्थ सपनो मे अपनी ऊर्जा व्यय नही करेंगे व जो जरूरत है उन्हें पूरा होना ही है तो चिंता की अग्नि में नही जलेंगे। स्वप्न वही साकार होंगे जो सृष्टि के सामंजस्य में है ।लोभ से चूर सपने विनाश का बीज होते है ।तो सावधान रहें आगे बढे आस्था से जीवन तुम्हे पुरुस्कार देगा यदि साहस व आस्था से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने जुट जाओगे । अहंकार व लोभ तो वो छलावा है

Intelligence within

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  Life is not only governed by rules, but also by certain powers that we are born within this world. These powers manifest when they are aligned with the rules, resulting in a blissful life. Alongside life's challenges, moments of joy also participate in our journey. There are many rules in life, but for now, let us focus on these three rules as they are essential for our journey ahead. First, let us understand the powers that are hidden within us since birth and how they manifest in our physical form. From birth, we naturally inherit the intelligence of our body from nature, which constructs and sustains our entire physical being without our interference. It maintains the body's health, controls its functions, and supports the creation and nurturing of a child within. This natural intelligence also includes our memory, which is separate from the mind's memory. For example, when you enjoy a cup of tea, that experience is recorded within your body. If there is a specific tim

Embrace the Principle of Polarity: Finding Balance in Life's Ups and Downs

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  तीन नियम व चार बुद्धिमत्ताओ के बारे में हम अब तक जान चुके है। अनिश्चितता का नियम सुनहरा नियम जो पाना चाहते है देना शुरू करे व जीवन के एकाउंट का नियम अब मुझे विश्वास है आपको ये तीनो नियम स्पष्ट हो गए होंगे व चारों इंटेलिजेंस पावर भी । अब कुछ रोचक तरीके से अगले नियम को समझते है।जिसे विपरीतता का सिद्धांत कहेंगे।जीवन अदभुत विरोधाभास पर कार्य करता है जीवन मे सुख चाहते हो तो दुख भी साथ मिलेगा।प्यार चाहते हो तो द्वैष को भी अपनाना होगा। अच्छाई ही नही संसार में बुराई भी है ।बिना विपरीत गुणो के अस्तित्व संभव नही इसे विज्ञान के माध्यम से समझते है, चुम्बक का अस्तित्व तभी है जब दो विपरीत ध्रुव है। उत्तर व दक्षिण दोनो है तब ही चुम्बक है।परमाणु में भी ऋण व धन आवेश बराबर मात्रा मे होते है तब ही परमाणु का अस्तित्व है प्रोटोन व इलेक्ट्रॉन दोनो के रोल अहम है एक के अभाव में दूसरे की कल्पना नही हो सकती है। बिल्कुल वैसे ही जैसे कंप्यूटर की भाषा मे 0 व 1 है,बराबर व विपरीत कंप्यूटर हो या बिजली सभी इस नियम से जुड़े हैं बराबर व विपरीत पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर इसी नियम से लगती है दो बराबर व विपरीत बलों के

The third rule of life is the "Law of Life's Bank Account"

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  जीवन के दो नियम हम अभी तक थोड़ा थोड़ा समझे है।पहला "अनिश्चितता का नियम "दूसरा "सुनहरा नियम यानी जो चाहते हो देना शुरू कीजिए" इन नियमों को मैं आगे विस्तार से कुछ उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करुँगी अभी कुछ सार रूप में अपनी बात कहना चाहती हु।जिससे जीवन को खोजने की इस यात्रा का आपको कुछ कुछ आभास प्राप्त हो जाये। सर्वप्रथम तो आप सभी को हार्दिक धन्यवाद साथ आने के लिए ,इस न्यूज़लेटर से जुड़ने के लिए ।आप का साथ मेरे लिए प्रेरणास्रोत है जो मेरे संकोच को खुशी में बदल रहा है। आंनद को जीवन का साथी बनाने के लिए ये जानना आवश्यक है जीवन किन सिद्धान्तों व नियमो से संचालित है व हमारे पास इसको आनंदमय बनाने के लिए क्या शक्तिया व उपकरण है।ये सत्य है कि जीवन सरल नही है इसकी मुश्किलों को ,इसकी चुनौतियों को हम नजरअंदाज करके आगे नही बढ़ेगे बल्कि स्पष्टता से इनका विश्लेषण करेगे व समाधान तक भी पहुँचेगे। हम अपनी आंतरिक शक्तियों को भी मापने का काम साथ साथ करेगे।मेरी सलाह तो ये है कि जो भी आप इस न्यूज़लेटर से जाने व समझे ,उसको उसी दिन अभ्यास में लेकर आये क्योकि ज्ञान की कुंजियां व्यर्थ है यदि उ

journey of unraveling life's mysteries

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  प्रिय दोस्तो जहाँ छोड़ा था वही से शुरु करती हु। जीवन की  अनिश्चितता  को समझने भर से हमारे बहुत से संघर्ष समाप्त हो जाता है अब हमारी जो ऊर्जा संघर्ष में खर्च हो रही थी उसका उपयोग हम वर्तमान को सही रूप से समझ कर कर्म करने में लगा सकते है।  जीवन को समझने की इस अदभुत यात्रा पर आप और मैं सहयात्री है इसकी मुझे बहुत प्रसन्नता है।   मैंने जीवन से जो  सीखा व अनुभव किया वो मै आपसे सांझा करुँगी और जो आपके अनुभव व ज्ञान है वो आप कमेन्ट्स के रूप में हम सभी से बाँटिये । इससे कुछ अनसुलझे रहस्य प्रकट होंगे व  कुछ नये नजरिये सामने आएंगे तो इस तरह एकदूसरे के साथ हम जीवन की पहेली सहजता से आनन्दपूर्वक हल करेंगे।  हजार मुश्किलों व चुनौतियों के मौजूदगी  जीवन मे होते हुए भी हम एक सुंदर आंनद से भरपूर जीवन जी सकते है । ये बिल्कुल सत्य है और  इस सत्य को समझने के लिए ही ये न्यूज़लेटर है। इस सत्य को समझने के लिए पहले हम जीवन को समझेंगे। लड़ाई में या प्रेम में यदि जीतना हो तो जिसे जीतना है उसके बारे में सब कुछ जान लेना आवश्यक होता है। जीवन को जीतने के लिए भी यही सत्य है। बहुत से महान व्यक्ति ,पुस्तके,ग्रन्थ हमे जीव

what is life

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 जीवन की विभिन्न परिभाषाएं  अलग अलग परिकल्पनाएं प्रस्तुत करती है। आनंद लेना मस्त रहना जीवन है या संघर्षरत रहकर कुछ प्राप्त करना जीवन है, प्रेम इसका उद्देश्य है या कुछ अलग कर दिखाना। बड़ी अबूझ पहेली है ये जीवन। जीवन को जीने का सबका अलग अलग तरीका है कोई अनुशासन को महत्व देता हुआ कोई मनमानी को।कोई सब प्राप्त करने को जीवन कहता है कोई सर्वस्व लुटाने को। साहित्य में अनगनित बातें है जो जीवन की सार्थकता पर वाद विवाद प्रस्तुत करती है।पर जीवन बहस का विषय नही अनुभव करने का विषय है। बच्चे से बड़े होने के क्रम में हम यन्त्र वत हो गए हैं । बचपन मे हमारी भावनाए व विचार एक अबोधता से बंधे होते है पर सरस् होते है परंतु बड़े हो जाने पर हम इस अबोधता को दे कर ज्ञान खरीद लेते है ,अपनी प्राकृतिक आभा खो कर एक कृत्रिम व्यक्तित्व बनाते है जिस पर धन प्रयास व समय लगाते है ।  क्या सच मुच सहज शांति को गवाकर हम अपना सही विकास करते है?क्या जीवन के प्रति बचपन का प्रेम बड़े होने पर खीज में नही बदल जाता?क्या बहुत कुछ होने पर एक स्थायी खालीपन नही आ जाता।हमे अपने विकास का तरीका बदलना होगा ,जीवन की खूबसूरती के साथ ही चलना होगा

Puzzle of life :journey of unraveling life's mysteries:first law "uncertainty"

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   योजनाओं से जीवन निर्धारित नहीं हो सकता क्योंकि जीवन मे अनिश्चितता का अपना अहम रोल है। एक स्क्रिप्ट की तरह जीवन को एक कहानी में बांधा नही जा सकता।हम जिद करते है अपनी कहानी  को पूर्वनियोजित करके उसे जीवन के खांचे में फिट करना चाहते है और हम ये भी भूल जाते है कि  हमे अधिकार नही है अपने से अलग लोगो के संवाद लिखने का।हम अपने जीवन मे शामिल लोगों  का एक चरित्र चित्रण करते है और फिर दुखी होते है जब वो अपना रोल हमारी कल्पना के अनुसार  नही निभाते।जाने अनजाने हम सभी के लिए सही व गलत का निर्धारण करते है यानी  अपने जीवन  मे शामिल लोगों की स्वतंत्रता को बाधित करते है वो भी बस अपनी एक कल्पनाशील स्क्रिप्ट को  साकार करने के लिए।आप स्वयम सोचिए क्या आप भी ये ही नही करते और फिर आपकी कहानी  जब नही जमती तो दोषारोपण का जाल बुनकर स्वयम को उलझा लेते है।  हमारी सभी शिकायते  दुसरो से हमारी आकांक्षाओ के कारण होती है।ना स्वतंत्र रहना सीखते है  ना स्वतंत्रता देना ही आता है हमे।यदि हर आने वाले पलो को योजनाओं के शिकंजे में न कसे बल्कि  हर पल की अनिश्चितता का आनंद लेते हुए अंत:चेतना की आवाज सुन तो जीवन की सही राह म