Embrace the Principle of Polarity: Finding Balance in Life's Ups and Downs








 तीन नियम व चार बुद्धिमत्ताओ के बारे में हम अब तक जान चुके है।


अनिश्चितता का नियम
सुनहरा नियम जो पाना चाहते है देना शुरू करे

जीवन के एकाउंट का नियम

अब मुझे विश्वास है आपको ये तीनो नियम स्पष्ट हो गए होंगे व चारों इंटेलिजेंस पावर भी ।
अब कुछ रोचक तरीके से अगले नियम को समझते है।जिसे विपरीतता का सिद्धांत कहेंगे।जीवन अदभुत विरोधाभास पर कार्य करता है जीवन मे सुख चाहते हो तो दुख भी साथ मिलेगा।प्यार चाहते हो तो द्वैष को भी अपनाना होगा। अच्छाई ही नही संसार में बुराई भी है ।बिना विपरीत गुणो के अस्तित्व संभव नही

इसे विज्ञान के माध्यम से समझते है,
चुम्बक का अस्तित्व तभी है जब दो विपरीत ध्रुव है। उत्तर व दक्षिण दोनो है तब ही चुम्बक है।परमाणु में भी ऋण व धन आवेश बराबर मात्रा मे होते है तब ही परमाणु का अस्तित्व है प्रोटोन व इलेक्ट्रॉन दोनो के रोल अहम है एक के अभाव में दूसरे की कल्पना नही हो सकती है।
बिल्कुल वैसे ही जैसे कंप्यूटर की भाषा मे 0 व 1 है,बराबर व विपरीत

कंप्यूटर हो या बिजली सभी इस नियम से जुड़े हैं
बराबर व विपरीत
पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर इसी नियम से लगती है दो बराबर व विपरीत बलों के कारण ही अस्तित्व है पृथ्वी का।

आपको लगता होगा की आज विज्ञान कक्षा क्यो पढ़ा रही हु ,तो सुनिए मैं आपको ये बात समझाने का प्रयास कर रही हु की आप भी इस नियम से अलग नही है।आपको जीवन मे सुख देने वाली वस्तुए व लोग आपको उतना ही दुख भी देते है। आप की सफलता ही कही न कही असफलता को भी साथ लाती है जहाँ रात वहाँ दिन जहाँ खुशी वहा आंसू भी
ये सब एक सिक्के के दो पहलू है एक को पकड़ोगे दूसरा साथ आएगा।आप छड़ी का एक सिरा हिलाओगे तो दूसरा सिर स्वभाविक रूप से हिलेगा।

आप अभी ध्यान दीजिए आपके सभी दुख तकलीफे आपके सुख व खुशियो से सम्बंधित है। जब आप ये जान जाओगे के दोनों का सहअस्तित्व है तो या तो आप सुख भी नही चाहोगे त फिर दोनों को स्वीकार करोगे ।संघर्ष स्वतः समाप्त हो जाएगा।
जॉब है तो उसके सुख के साथ इसके संघर्ष भी आपके है,
रिश्ते है तो इनसे मिलने वाला आनन्द इनसे मिलने वाले दुखो को साथ लेकर आता है।

यदि आप भी विपरतीता के सिद्धांत को समझ कर स्वीकार्यता की शक्ति को प्रबल करे तो जीवन सुंदर ,सरल व सहज होगा ।आपका बाह्य व अन्तविरोध शांत हो जाएगा।

अब जीवन साथी है तो उसके गुण भी आपके व अवगुण भी आपके ,नौकरी है तो सुख भी आपके व संघर्ष भी आपके। स्वीकारिता की शक्ति का स्रोत आपकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता है जो आपके अहसासों का सृजन बिंदु भी है।

Cartomancer के रूप मे मेरे अनुभव मैं सबसे दुखी वो लोग आये जिनके जीवन मे संघर्ष नही था। जिन्हें जीवन से सुख अधिक दिया वो इस असंतुलन के कारण दुखो का निर्माण स्वयम करते है।जिनके जीवन मे संघर्ष व चुनौतिया अधिक है उनके पास दुखी व निराश होने का समय व ऊर्जा ही नही है।

जिन्हें जीवन ने दुख अधिक दिया वो सुखों का निर्माण करते है ना केवल अपने लिए बल्कि संसार के लिए भी
है ना कितना बड़ा विरोधाभास इसका अर्थ है जीवन मे सुख व दुख दोनी आपकी विकास यात्रा के दो सिरे है ।
आप यदि शांत मन से आज विचार करे तो जो कुछ भी आपने जीवन मे पाया या जो भी क्षमता आपके पास है वो सब मुश्किलो के हल निकालने से ही अर्जित हुई है ।

आज व अभी से समस्याओं व चुनौतीयो के आने पर खुश रहिये क्योकि ये बताती है खुशिया व सफलताए छड़ी के दूसरे सिरे पर है।ये आई है तो उन्हें भी आना है। तो इनके विरोध या पछतावे में समय न गवाए इनका स्वागत करे व सीखे जो ये सिखाना चाहती है।
कारण की खोज हमे बैचेन करती है इसे रहने दे व स्वीकारिता की शक्ति का प्रयोग से जीवन को सुंदर,सरल व सहज बनाए।
आशा है मैं अपनी बात समझाने में सफल रही हु।

अब जीवन के राग द्वेष से आप मुक्त होने की राह पर है।दोनो को स्वीकार करने पर दोनों का बराबर महत्व रहेगा फिर अतिउत्साह व अत्यधिक निराशा दोनो ही नही होंगे व समता के सही अर्थ को समझ कर जीवन मे धारण करना सरल हो जाएगा।फिर सम्मान व अपमान ,लाभ व हानि, सुख व दुख दोनो के प्रति आपके अहसास संतुलित होते जायेगे।
फिर देखिए कैसे आपके जीवन मे आंनद जाग्रत होता जाएगा।
जुड़े रहिये इस यात्रा पर और भी रोमांचक ज्ञान आपके जीवन को नवनिर्माण की ओर लेकर जाएगा।
पढ़ने के लिए हार्दिक आभार
Cartomancer Minakshi














Dear readers,

Until now, we have learned about the three laws and four intelligences. You must have understood the laws of uncertainty, the golden rule of giving and receiving, and the law of accounts in life. I hope you have also grasped the essence of all three laws and the four intelligence powers.

Now, let us understand the next law in an interesting way, which we will call the principle of polarity. Life operates on the principle of fascinating opposition. If you desire happiness in life, you must embrace sadness as well. If you desire love, you must also accept hatred. Goodness alone doesn't exist; there is also evil in the world. The existence of one cannot be imagined without the presence of the other.

We can understand this through the lens of science, just like the existence of a magnet is only possible when there are two opposite poles. Similarly, within an atom, there is an equal amount of positive and negative charge. The existence of an atom is only possible when both protons and electrons have their roles. The absence of one cannot allow the other to exist.

Similarly, in the language of computers, we have 0 and 1 – both equal and opposite. Whether it's computers or electricity, everything is connected to this law of polarity.

Even the rotation of the Earth around the Sun abides by this principle. It is the equilibrium and opposition of two equal and opposite forces that maintain the existence of Earth.

You might think why I am teaching a science class today. Well, let me try to explain that you are not separate from this principle either. The things and people that provide you with happiness in life also bring equal amounts of sorrow. Your success also brings some failures along with it. Where there is night, there is also day; where there is happiness, there are also tears.

All these are two sides of the same coin. If you hold onto one, the other will come along as well. If you move one end of a stick, the other end will naturally move. All your sorrows and troubles are connected to your happiness and joys in life. When you realize the coexistence of both, the struggle will naturally come to an end.

If you have a job, along with its comforts, you also have to face its challenges. If you have relationships, the joy of meeting someone also brings along the sadness of separation.

If you understand the principle of duality by accepting the power of acceptance, life will become beautiful, effortless, and natural. Your external and internal conflicts will calm down.

Now, your life partner's qualities are also your qualities, and their flaws are also yours. If you strengthen the power of acceptance, it becomes the point of creation for your emotions.

As a cartomancer, from my experience, I have seen the most unhappy people are those who have never experienced struggle in life. Those who have been given more happiness by life create their own sadness due to this imbalance. Those with more struggles and challenges in life do not have the time and energy to be unhappy or remorseful.

Those whom life has given more pain create happiness, not just for themselves but also for the world.

Isn't the existence of this opposition amazing? It signifies that happiness and success are on the other side of the struggles. They have arrived, and they also want to come along. So, instead of wasting time in opposition or regret, welcome them and learn what they want to teach you.

The search for the cause unsettles us; let it be and strengthen the power of acceptance. This will make life beautiful, effortless, and natural.

I hope I have been successful in explaining my point.

Now, you are on the path to being free from attachments and aversions in life. Both will hold equal importance to you, and excessive enthusiasm or extreme disappointment will cease to exist. The balanced understanding of equality will make it easier for you to embrace it in your life. Then, respect and disrespect, gain and loss, happiness and sorrow, all will maintain their equilibrium in your awareness.

Wishing you a balanced and fulfilling life.
Embrace the Principle of Polarity: Finding Balance in Life's Ups and Downs. Discover the power of acceptance and unlock a beautiful, effortless, and natural way of living. Let go of attachments, welcome both joy and sorrow, and find harmony in the opposing forces that shape our journey. #PrincipleOfPolarity #BalanceInLife #Acceptance #LinkedIn












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