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journey of unraveling life's mysteries

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  प्रिय दोस्तो जहाँ छोड़ा था वही से शुरु करती हु। जीवन की  अनिश्चितता  को समझने भर से हमारे बहुत से संघर्ष समाप्त हो जाता है अब हमारी जो ऊर्जा संघर्ष में खर्च हो रही थी उसका उपयोग हम वर्तमान को सही रूप से समझ कर कर्म करने में लगा सकते है।  जीवन को समझने की इस अदभुत यात्रा पर आप और मैं सहयात्री है इसकी मुझे बहुत प्रसन्नता है।   मैंने जीवन से जो  सीखा व अनुभव किया वो मै आपसे सांझा करुँगी और जो आपके अनुभव व ज्ञान है वो आप कमेन्ट्स के रूप में हम सभी से बाँटिये । इससे कुछ अनसुलझे रहस्य प्रकट होंगे व  कुछ नये नजरिये सामने आएंगे तो इस तरह एकदूसरे के साथ हम जीवन की पहेली सहजता से आनन्दपूर्वक हल करेंगे।  हजार मुश्किलों व चुनौतियों के मौजूदगी  जीवन मे होते हुए भी हम एक सुंदर आंनद से भरपूर जीवन जी सकते है । ये बिल्कुल सत्य है और  इस सत्य को समझने के लिए ही ये न्यूज़लेटर है। इस सत्य को समझने के लिए पहले हम जीवन को समझेंगे। लड़ाई में या प्रेम में यदि जीतना हो तो जिसे जीतना है उसके बारे में सब कुछ जान लेना आवश्यक होता है। जीवन को जीतने के लिए भी यही सत्य...

what is life

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 जीवन की विभिन्न परिभाषाएं  अलग अलग परिकल्पनाएं प्रस्तुत करती है। आनंद लेना मस्त रहना जीवन है या संघर्षरत रहकर कुछ प्राप्त करना जीवन है, प्रेम इसका उद्देश्य है या कुछ अलग कर दिखाना। बड़ी अबूझ पहेली है ये जीवन। जीवन को जीने का सबका अलग अलग तरीका है कोई अनुशासन को महत्व देता हुआ कोई मनमानी को।कोई सब प्राप्त करने को जीवन कहता है कोई सर्वस्व लुटाने को। साहित्य में अनगनित बातें है जो जीवन की सार्थकता पर वाद विवाद प्रस्तुत करती है।पर जीवन बहस का विषय नही अनुभव करने का विषय है। बच्चे से बड़े होने के क्रम में हम यन्त्र वत हो गए हैं । बचपन मे हमारी भावनाए व विचार एक अबोधता से बंधे होते है पर सरस् होते है परंतु बड़े हो जाने पर हम इस अबोधता को दे कर ज्ञान खरीद लेते है ,अपनी प्राकृतिक आभा खो कर एक कृत्रिम व्यक्तित्व बनाते है जिस पर धन प्रयास व समय लगाते है ।  क्या सच मुच सहज शांति को गवाकर हम अपना सही विकास करते है?क्या जीवन के प्रति बचपन का प्रेम बड़े होने पर खीज में नही बदल जाता?क्या बहुत कुछ होने पर एक स्थायी खालीपन नही आ जाता।हमे अपने विकास का तरीका बदलना होगा ,जीवन की खूबसूरती के सा...

Puzzle of life :journey of unraveling life's mysteries:first law "uncertainty"

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   योजनाओं से जीवन निर्धारित नहीं हो सकता क्योंकि जीवन मे अनिश्चितता का अपना अहम रोल है। एक स्क्रिप्ट की तरह जीवन को एक कहानी में बांधा नही जा सकता।हम जिद करते है अपनी कहानी  को पूर्वनियोजित करके उसे जीवन के खांचे में फिट करना चाहते है और हम ये भी भूल जाते है कि  हमे अधिकार नही है अपने से अलग लोगो के संवाद लिखने का।हम अपने जीवन मे शामिल लोगों  का एक चरित्र चित्रण करते है और फिर दुखी होते है जब वो अपना रोल हमारी कल्पना के अनुसार  नही निभाते।जाने अनजाने हम सभी के लिए सही व गलत का निर्धारण करते है यानी  अपने जीवन  मे शामिल लोगों की स्वतंत्रता को बाधित करते है वो भी बस अपनी एक कल्पनाशील स्क्रिप्ट को  साकार करने के लिए।आप स्वयम सोचिए क्या आप भी ये ही नही करते और फिर आपकी कहानी  जब नही जमती तो दोषारोपण का जाल बुनकर स्वयम को उलझा लेते है।  हमारी सभी शिकायते  दुसरो से हमारी आकांक्षाओ के कारण होती है।ना स्वतंत्र रहना सीखते है  ना स्वतंत्रता देना ही आता है हमे।यदि हर आने वाले पलो को योजनाओं के शिकंजे में न कसे बल्कि  हर पल की अ...

A journey for revealing the puzzle of life

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 मैं बड़ी खुशी से घोषणा करती हूँ कि मैंने अपनी न्यूज़ लेटर का शुभारंभ किया है, जहां हम जीवन के जटिल पहेली को हल करने के लिए एक अद्वितीय साहसिक सफ़र पर निकलेंगे। मैं एक उत्कृष्ट कार्टोमैंसी विशेषज्ञ और अनुभवी लाइफ कोच के रूप में आपके साथ अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और अनुभव साझा करने के लिए उत्साहित हूँ। जीवन, जैसे रहस्यमय पहेली, हमें अनगिनत मोड़ों पर ले जाती है। साथ में, हम इसके गुप्त रहस्यों को खोलेंगे, उस कुंजी को ढूंढेंगे जो हमारे मार्ग को प्रकाशित करेगी और हमें व्यक्तिगत विकास और पूर्णता की ओर आग्रह करेगी। मोहक लेखों, विचार प्रेरित करने वाली चर्चाओं और व्यावहारिक ज्ञान के माध्यम से, हम जीवन के असीम संभावनाओं को खोजेंगे और उसकी गहरी सुंदरता को ग्रहण करेंगे। आइए खोजते हैं एक कुंजी जीवन की इस असाधारण पहेली के लिए। Cartomancer Minakshi

आपके निर्णय महत्वपूर्ण है

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  जीवन मे हमारे साथ क्या होता है इससे अधिक महत्वपूर्ण ये है कि हमारी परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया क्या है।जीवन की मुश्किल परिस्थितिया  हमे अवसर प्रदान करती है अपनी क्षमताओं को  प्रकट करने के लिए आइए इतिहास की एक घटना से इस  तथ्य को समझने का प्रयास करते है।  देश से हजारों मील दूर आज से लगभग 130 वर्ष पहले  साउथ अफ्रीका के पीटरमेरिट्जबर्ग स्टेशन पर  देश के एक बैरिस्टर को ट्रेन से धक्का देकर उतारा गया था कारण था उनका उनका भारतीय होना व रंग का काला होना व नवयुवक बैरिस्टर कोई  और नही युग पुरूष महात्मा गाँधी थे।   उस दौरान गांधीजी गुजरात के राजकोट में वकालत करते थे. उन्हें दक्षिण अफ्रीका से सेठ अब्दुल्ला ने एक मुकदमा लड़ने के लिए बुलाया था. वो पानी के जहाज से दक्षिण अफ्रीका के डरबन पहुंचे. यहां 7 जून को उन्होंने प्रीटोरिया के लिए ट्रेन पकड़ी. ट्रैन से अपमानित होकर उतरने के बाद 7 जून 1893 को  स्टेशन पर  गांधी ने पूरी रात वेटिंग रूम में अपने विचारों के द्वंद्व में उलझे रहकर बिताई। अपमान की ये घटना उनके अंतर्मन में एक कंपन उत्पन्न कर रही थी और...

सुनहरा नियम

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 लड़ाई में या प्रेम में यदि जीतना हो तो जिसे जीतना है उसके बारे में अब कुछ जान लेना आवश्यक होता है। जीवन को जीतने के लिए भी यही सत्य है। बहुत से महान व्यक्ति ,पुस्तके,ग्रन्थ हमे जीवनके सार को सरल वाक्यो में समझते है पर अपने मस्तिष्क को सर्वोपरि मानकर हम इन्हें अनदेखा करते है ।यदि हम अपने आसपास के लोगो व परिस्थितियों को साक्षी भाव से देखने का अभ्यास कर ले तो किसी अन्य ज्ञान की भी आवश्यकता नही होगी हम आब्जर्वर बन कर जीवन के खेल को समझ भी सकते है जीत भी सकते है।जैसे एक वाक्य है "जो पाना चाहते है उसे देना शुरू करे ",इसका सार समझे तो जीवन आसान हो जाये पर विरोधाभास भरे इस वाक्य को सही समझना ही एक चुनौती है । अब हमें लगेगा कि जो हम चाहते है वो हमारे पास नही है तो दे कैसे सकते है परंतु जीवन गणित नही है यहाँ के नियम गणित से अलग है । जीवन मे हमे प्रेम,सफलता,धन,स्वास्थ, शांति,खुशी व विश्वास की आवश्यकता होती है और ये सभी यदि हम चाहते है तो देना शुरू करना ही होगा तभी जीवन का प्रवाह हमे समृद्धि की लहरों से ये हमे वापस देगा।  प्रेम यदि जीवन मे नही है तो प्रेम को कर्म बना ले अपने सम्पर्क में ...

क्या भविष्य को जाना जा सकता है।

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 भविष्य को जानने की इच्छा सबको होती है, पर सत्य तो ये है कोई ऐसा ईश्वर नही जिसने ,आपका भविष्य लिख कर उसे निश्चित कर दिया हो। हम ही रोज अपने भविष्य का निर्माण करते हैं ,चाहे अनजाने में करे या सोच समझ कर करे। ये बात अजीब लग सकती है ,पर सत्य यही है हमारे विश्वास ,हमारी धारणाए, हमारे विचार ,हमारे कर्म व हमारी भावनाए ही हमारे जीवन के रचनाकार है। ईश्वर तो वो ऊर्जा है जो सब संचालित कर रही है। हमारी सकरात्मक ऊर्जा हमें प्रभु से जोड़ देती है वही नकारात्मकता हमें ईश्वरीय ऊर्जा से अलग कर देती है। हम यदि जागरूकता का अभ्यास करें तो हर पल चेतना से जुड़े रह सकते है पर ये कहना सरल है करना मुश्किल। इसके लिए जागरूकता, प्रेम व शांति की आवश्यकता है। अभ्यास की आवश्यकता है। अपने आप को सच्चाई से स्वीकार करें अपनी भावनाओं को ईमानदारी से पहचाने, अपनी चेतना से जुड़े इसमें थोड़ा प्रयास लगेगा ।अपने आप पर काम करना मुश्किल जरूर है पर ये काम आपका जीवन आसान कर देगा। " रचना करे अपने भविष्य की ईश्वरीय ऊर्जा के साथ" मीनाक्षी गुप्ता Cartomancer