संदेश

खोजे स्वयं को ,जीवन में समन्वय बनाए

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अपनी चेतना से जुड़ जाने के बाद हमें अपने प्रश्नोंके जवाब मिलना सरल हो जाता है। आंतरिक वाद विवाद थम जाता हैं। यू कहिये की हमे प्रबलता से अहसास होने लगता है कि हमारे लिए क्या सर्वश्रेष्ठहै। फिर किसी से सलाह लेने की आवश्यकता भी महसूस नही होती ।जीवन की प्राथमिकताए बदलने लगती है। कभी सोचा है आपने आपके जीवन की" प्राथमिकताए "क्या है? धन, स्वास्थ, रिश्ते, देश, समाज, बच्चे, जीवनसाथी, सफलता, कोइ पद, शांति, प्रेम, ख़ुशी, समाज मे सम्मान या कुछ औऱ? शायद ही कभी आपने अपनी प्राथमिकताओ का क्रम बनाया होगा। इनमे से कोई एक ही चीज होगी जिसपर आपने अन्य सभी चीजों को कुर्बान कर रखा होगा।जीवन को जीने का सही तरीका इन सबमे संतुलन बनाना है।पर आप क्या कर रहे है? यदि" धन" आपकी प्राथमिकता है तो कोई भी निर्णय धन को केंद्र में रख कर लेते हैं फिर इस सब मे आपका परिवार, समाज, संम्मान,खुशी व शांति की आपको परवाह नही होती।यदि कोई "पद "चाहिए तो धन,ख़ुशी,शांति,बच्चे जीवनसाथी सब बाद में आते है, आप पागलो की भांति उस पद की प्राप्ति के लिए मूल्यवान से मूल्यवान जीवन से जुड़ी चीजो को नजर...

प्रार्थनाएँ

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जीवन का उद्देश्य

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जीवन का उद्देश्य बहुत सीधा सरल है अपनी खुबिया पहचानिए व योगदान दीजिये जिसके लिए ईश्वर ने आपकी रचना की है।आपको आजादी है चाहे तो फंसे रहे चाहे तो अपने सच्चे स्वरूप को पहचाने। जीवन अवसर देता है आप स्वयं से प्रश्न तो पूछे आप इस विश्व मे सहायक कैसे बने? आपको अवश्य उत्तर मिलेगा। आप अनंत चेतना की रचना है कोई तो अर्थ है आपके यहाँ होने का। केवल संसार संघर्ष में युद्ध हेतु आप नहीं जन्मे है। जीवन मे धीरे धीरे नष्ट होता शरीर भर आप नही। आपको आत्मिक प्रसन्नता का अपना स्रौत खोजना है। वही आपकी भूमिका वही आपके होने का उद्देश्य है। धन सामाजिक प्रतिष्ठा व कर्त्तव्य का निर्वहन एक जंजीर है जो आपको बांध देती है। आप परवश महसूस करते है व स्वतंत्र होना चाहते है। आप एक ऊर्जा है,जो कोई विशेष कार्य अन्य ऊर्जाओं की तुलना में सर्वश्रेष्ठ कर सकती है। खोजिये वो कौन सा कार्य है जिसके लिए आप रचे गये ,वरना कोल्हू के बैल की भांति गोल गोल घूमते रहिये और यात्रा कभी समाप्त नही होगी। आज एक कार्य कीजिये जो जरूरतो व मजबूरी से न होअपनी आंतरिक प्रसन्नता के लिए हो। जिसे कर प्राप्ति भविष्य में न होकर इसी क्षण वर्तमान में हो भौ...

रचना करे अपने भविष्य की अपने विचारों व भावनाओं से

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अनुभव ही आधार होते है हमारे विचारों व भावनाओ के, पर उनके आधार पर जीवन जीना वैसा ही है जैसे हमने अपने अतीत को भविष्य की रचना करने की शक्ति दे दी हो। क्या ये सही है कि अतीत को ही मापदण्ड मान ले तो फिर रचनात्मकता का क्या अर्थ रह जाता है? अनुभव के आधार पर विचार व भावनाओं को न स्वीकार करे बल्कि मनचाहे विचारो व भावनाओं का निर्माण करे जो अतीत से अलग आपकी इच्छा के अनुरूप भविष्य को आकार दे सके। विश्वास करना एक शक्ति है, विश्वास करे स्वयं पर ,दुसरो पर,जीवन पर,ईश्वर पर,जीवन की योजना पर जो भी हमारा विश्वास होता है अधिकांश मामलों में वही साकार हो जाता है। Minakshi Gupta Cartomancer

जीवन का उद्देश्य

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जीवन का उद्देश्य बहुत सीधा सरल है अपनी खुबिया पहचानिए व योगदान दीजिये जिसके लिए ईश्वर ने आपकी रचना की है।आपको आजादी है चाहे तो फंसे रहे चाहे तो अपने सच्चे स्वरूप को पहचाने। जीवन अवसर देता है आप स्वयं से प्रश्न तो पूछे आप इस विश्व मे सहायक कैसे बने? आपको अवश्य उत्तर मिलेगा। आप अनंत चेतना की रचना है कोई तो अर्थ है आपके यहाँ होने का। केवल संसार संघर्ष में युद्ध हेतु आप नहीं जन्मे है। जीवन मे धीरे धीरे नष्ट होता शरीर भर आप नही। आपको आत्मिक प्रसन्नता का अपना स्रौत खोजना है। वही आपकी भूमिका वही आपके होने का उद्देश्य है। धन सामाजिक प्रतिष्ठा व कर्त्तव्य का निर्वहन एक जंजीर है जो आपको बांध देती है। आप परवश महसूस करते है व स्वतंत्र होना चाहते है। आप एक ऊर्जा है,जो कोई विशेष कार्य अन्य ऊर्जाओं की तुलना में सर्वश्रेष्ठ कर सकती है। खोजिये वो कौन सा कार्य है जिसके लिए आप रचे गये ,वरना कोल्हू के बैल की भांति गोल गोल घूमते रहिये और यात्रा कभी समाप्त नही होगी। आज एक कार्य कीजिये जो जरूरतो व मजबूरी से न होअपनी आंतरिक प्रसन्नता के लिए हो। जिसे कर प्राप्ति भविष्य में न होकर इसी क्षण वर्तमान में हो भौ...

Happiness

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खुशी एक लहर है ,भावनाओ की जो महसूस की जाती है और धूप की भाति इसे कैद कर पाना असंभव है। जीवन मे बड़ी बड़ी खुशियों के पीछे भागते हुए हम हमारे आगे पीछे बिखरी खुशियो को नजरंदाज करते रहते है। उगते सूरज को देखने का रोमांच, सुबह की भाग दौड़ मे खो जाता है। अपने मन मे चल रहे विचारो का शोर ,हमे हवा की शीतलता को महसूस नही करने देता। मुझे याद है, बचपन मे मै अपने आगँंन मे लगे पौधे पर फूल आने की प्रतीक्षा करती व कली देखते ही खुशी से झूम जाती।फूल को खिलता देखने की उस खुशी की किसी चीज से तुलना नही हो सकती।सोमवार से शनिवार तक स्कूल जाने पर मिले पैसे पेन्सिल बॉक्स मे रखती रविवार का दिन स्पेशल चॉकलेट डे हो जाता। आज कुछ भी खरीद लो वो रविवार वाली feeling नही आती। बचपन मे दोस्तो का साथ ही अनोखी खुशी देता था पर बड़े होने पर ये सब औपचारिकता मे बदल जाता है।कमी इस जीवन मे खुशी की नही बल्कि खुशी महसूस करने वाले मासूम दिल की है। टटोलिये ये मासूम दिल अभी भी आपकी आत्मा की गहराईयो मे है,ज्यादा चतुर,सावधान व समझदार होने मे हमने इसे खो दिया है। आज के तो बच्चे भी प्रतियोगिता के इस युग मे अपनी खुशी व मासूमियत खोते जा रहे...

स्वयं से जुड़े ,ईश्वर से जुड़ने के लिये

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कभी कभी विचारो की भीड़ आकर हमारे कदम रोक देती है।जीवन की छोटी छोटी उलझनो को हम सुलझाने मे सारा वक्त दे देते है।महत्वपूर्ण पीछे छूट जाता है दैनिक तत्कालीन कार्य सारा ध्यान खीच लेते है।तनाव का कारण काम नही बल्कि हमारी अपने आप से दुरी है। हमारे पास वक्त ही नही कि जान पाये भीतर क्या चल रहा है। एक प्रयोग करके देखे इसी क्षण रुके, गहरी साँस ले , महसूस करने का प्रयास करें अन्तर्मन के संगीत मे कौन सी धुन सुनायी देती है। अन्दर से आप कैसा महसूस कर रहे हैं रो रहे है, हँस रहे है, शान्त है ,तनाव मे है, क्रोध मे है ,उदासीन है, निराश हैं, आशा से भरे है। अन्तर्मन क्या माँग कर रहा है? अन्तर्मन की बात एक बच्चे की बात की तरह ध्यान से सुनने का प्रयास करे।बस एक बार उसकी इच्छा पर ध्यान केन्द्रित करे। कईं बार तो वो बस रुकना चाहता है। आप वक्त निकलो और एक बार फुर्सत के क्षणो मे ही सही उसकी इच्छा पूरी करो और फिर बताओ कैसा महसूस होता है। हो सकता है आप किसी से गुस्सा हो व आपका अंतर्मन उसी व्यक्ति से मिलने को कह रहा हो। आपका अन्तर्मन आपके मस्तिष्क के निर्देश को नही मानना चाहता। पर तर्कपूर्ण इस दुनिया मे उसकी एक ...