Happiness
खुशी एक लहर है ,भावनाओ की जो महसूस की जाती है और धूप की भाति इसे कैद कर पाना असंभव है। जीवन मे बड़ी बड़ी खुशियों के पीछे भागते हुए हम हमारे आगे पीछे बिखरी खुशियो को नजरंदाज करते रहते है। उगते सूरज को देखने का रोमांच, सुबह की भाग दौड़ मे खो जाता है। अपने मन मे चल रहे विचारो का शोर ,हमे हवा की शीतलता को महसूस नही करने देता। मुझे याद है, बचपन मे मै अपने आगँंन मे लगे पौधे पर फूल आने की प्रतीक्षा करती व कली देखते ही खुशी से झूम जाती।फूल को खिलता देखने की उस खुशी की किसी चीज से तुलना नही हो सकती।सोमवार से शनिवार तक स्कूल जाने पर मिले पैसे पेन्सिल बॉक्स मे रखती रविवार का दिन स्पेशल चॉकलेट डे हो जाता। आज कुछ भी खरीद लो वो रविवार वाली feeling नही आती। बचपन मे दोस्तो का साथ ही अनोखी खुशी देता था पर बड़े होने पर ये सब औपचारिकता मे बदल जाता है।कमी इस जीवन मे खुशी की नही बल्कि खुशी महसूस करने वाले मासूम दिल की है। टटोलिये ये मासूम दिल अभी भी आपकी आत्मा की गहराईयो मे है,ज्यादा चतुर,सावधान व समझदार होने मे हमने इसे खो दिया है। आज के तो बच्चे भी प्रतियोगिता के इस युग मे अपनी खुशी व मासूमियत खोते जा रहे...