रिश्ते आपके लिये जरुरी हैं।


अगर आपको लगता है की आपकी परिस्थितियाँ सही नही है तो इसके लिये हाथ पर हाथ रख कर असंतोषजनक परिस्थितयों को स्वीकार ना करे बल्कि सही स्थितियो की मानसिक तस्वीर बनाये।
इसके साथ ही जरूरी है कि अपने मन का विश्लेषण करें क्या छुपा के रखा है? कोई नाराजगी द्वेष व क्रोध तो नही है।रिश्तो मे आपसी तनाव आजकल आम बात है।
रिश्तो मे खटास का असर हमारे जीवन के विभिन्न पहलू पर होता है ।यदि हमे पता चल जाये कि इसका असर कितना गहरा है तो एक ही पल मे हम सब काम छोड़ कर अपने रिश्तो को सवारने मे लग जाये।ये छोटी छोटी बातें हमारे जीवन का स्वरूप निर्धारित करती है।
एक पल रुकिये और सोचिये आपके अपने माता पिता,भाई, बहन पति या पत्नी व बच्चो से कैसे सम्बन्ध है। अगर किसी से भी को नाराजगी हो या गुस्सा हो तो अपने भविष्य व अपने सुख के लिये आज ,अभी इसी वक्त मन से वो बातें निकाल कर ऊपर आकाश मे फेक दे।ये काम नाटकीय रुप से करें यानि हाथ को दिल तक लाये व नाराजगी ले व ऊपर फेक दें। फिर प्रार्थना करें"हे ईश्वर मेरा ह्रदय अब आपके लिये खाली है आये व विश्राम करें"।विश्राम ईश्वर को नही आपको मिलेगा।
फिर और थोड़ा साहस करें तो अपने भाई बहन या जिससे भी आप नाराज है फोन करके बात करें वो भी सामान्य बातचीत कोई ओर बात नही बस प्रेम को पहुचाना है। जब प्रेम आ जाता है तो ना कोई गलत रहता है ना सही कुछ रहता है तो प्रेम। अब यकीनन आपको जो महसूस होगा आप शब्दो मे ब्या नही कर पायेगे। 99% लोग ये नही करेगे पर जो 1%ये करेगे वो जीवन मे फर्क महसूस करेगे। 1%मे आने का चुनाव आप करें एक वायदा मै करती हु आपकी परिस्तिथिया बदलने लगेगी। रिश्तो मे सही गलत रहने दे ये मुकदमे नही है जहाँ निर्णय आवश्यक हो।

" आभार दें , प्रेम दे, सम्मान दे रिश्ते जरुरी है आपके लिये मान ले।दुख चाहते हो तो अहंकार दो वर्ना बस प्यार दो।"

MinakshiGupta Cartomancer

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