प्रार्थना एक योग उस अनन्त से


प्रार्थना एक माध्यम है, अपने मस्तिष्क को चेतना शक्ति से जोड़ने का।
यह एक योग है ,जो ब्रहमांड की शक्ति से एक होने का अवसर देता है।
भारतीय संस्कृति तो प्रारम्भ से ही प्रार्थना को बहुत महत्व देती है। पर समय के साथ हम इसे एक परम्परा समझने लगे है और इसकी वैज्ञानिक समझ लुप्त हो गयी है।
प्रार्थना एक शक्तिशाली माध्यम है स्वयं से जुड़ने का।
सामूहिक प्रार्थनाओ मे विशिष्ट शक्ति मुक्त होती है जिसका अहसास आप अपने 4 या 5 लोगो के परिवार मे भी प्रार्थना एक साथ करके कर सकते है।पर आजकल प्रार्थना करना out of fashion है।
मेरे जीवन का ये अनुभव है कि प्रार्थना एक शक्तिशाली प्रक्रिया है जो इस तरह की ऊर्जा मुक्त करती है जो समाधन ले कर आती है। मेरे लिये सबसे मुश्किल काम यही समझाना है कि एक सरल सी प्रार्थना कितना चमत्कार कर सकती है। यदि प्रार्थना के विज्ञान को सही से समझ के इस शक्तिशाली युक्ति का प्रयोग किया जाये तो अन्तर्निहित चेतन शक्तियाँ सक्रिय हो जाती है फिर असम्भव शब्द का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है। मुझे अनुभव है की सुबह जगते ही सस्वर की गयी प्रार्थना यदि 21 दिनो तक की जाये तो परिणाम उम्मीदो से अधिक अच्छे होते हैं।
प्रार्थना हमारी आन्तरिक चेतना की शक्ति का ही एक सफल प्रयोग है।

"प्रार्थना एक योग है अनन्त चेतन का हमसे"

MinakshiGupta Cartomancer

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वर्तमान में जागरूक रहे

क्या भविष्य को जाना जा सकता है।

समस्याएँ सफलता का द्वार है।