समय ,विचार,भावनाएँ व चेतना
समय को बड़ा बलवान कहा जाता हैं। पर समय से बलवान विचार हैं ;विचारो से बलवान भावनाए हैं;भावनाओ से बलवान चेतना हैं। जीवन चक्र मे समय मुश्किल व सरल चक्रीय क्रम मे चलता हैं यदि विचारो पर सयम हो तो मुश्किल समय मे सन्तुलित प्रतिक्रिया से लाभ मिलता हैं। पर यदि भावनाओ पर नियंत्रण हो तो मुश्किल समय एक माध्यम बनता हैं हमारी क्षमताओ की अभिव्यक्ति का। सर्वश्रेष्ठ हैं अपनी चेतना के सम्पर्क मे रहना जो हमारे लिये आत्मोन्नति का मार्ग प्रशस्त करती हैं। वास्तव मे हमारी आन्तरिक आवाज हमे निरंतर जगाती रहती हैं पर हम सभी जानते हैं निंद्रा मे कितना आनन्द हैं। इस आवाज को हमारे तर्क आसानी से दबा देते हैं। हम सब मे वो सहज शक्ति जन्म से ही विद्यमान हैं जो सही मार्गदर्शन देती हैं । मेरा अपना अनुभव हैं मुश्किल समय हमेशा अपने भीतर एक उपहार लिये होता हैं यदि हम तर्क मे उलझने के स्थान पर आन्तरिक आवाज पर ध्यान दे तो हम इस मुश्किल परिस्थिती के सुअवसर का लाभ ले सकते हैं पर हमारी पहली प्रतिक्रिया क्रोध या निराशा की होती हैं जो हमे लाभ से वंचित कर देती हैं। मै भी पिछ्ले दो सालो से मुश्किल...