संदेश

You are the creator

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 Future The best way to know your future is to create it because you are the creator. Your believes,decesion,action write your destiny . Destiny is not a predefine phenomena . we create consciously or unconsciously our destiny . If we develop better understanding of present we definitely empower to create a better tomorrow.  We don't solve our problems at the same thinking level on which we create them. Let's start to create an awesome future,understand your power of creating.

स्वयम की खोज

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पिछली कुछ पोस्ट में मैं" स्वयं की खोज " पर बात कर रही थी कि कैसे हम अपनी रचनात्मकता को पहचान कर अपनी चेतना तक पहुँच सकते है और फिर जीवन मे संतुलन व समन्वय बनाकर अपनी प्राथमिकताओ का निर्धारण कर सकते है ताकि जीवन आपकी अंत:चेतना की परिपूर्ण अभिव्यक्ति बने और आप एक अदभुत जीवन  का आनंद ले सकें।     परन्तु यदि आप ऊपर बताई चीजे न कर सके तो एक आसान कार्य तो कर ही सकते है वो है "आभार का अभ्यास "यानि हर पल आभारी रहे ,निरंतर खोजते रहे कि जीवन में आप किस किस चीज के लिए धन्यवाद दे सकते है। केवल आभार के अभ्यास से ही आप जीवन मे प्रेम की ओर पहला कदम बढ़ा देगे जो कि हमारे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है। "प्रेम" कितना आसान सा शब्द है पर क्या प्रेम करना भी इतना आसान है? हम या तो प्रेम करने के लिए आत्मा को खोजते है या परमात्मा को क्या गजब की बात है दोनों को ही हम न देख पाते है ना अधिकतर लोग अनुभव कर पाते है,और जो हम देखते हैं अनुभव करते है जैसे हमारे दोस्त,रिश्तेदार, प्रकृति, फूल,पेड़ पौधे,जीव जंतु आदि उन्हें हम प्रेम के योग्य नही समझते अदभुद है।  एक क्षण विचारो को विराम दीजिये सोच...

सहजता या संघर्ष

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 Cartomancy  जीवन एक खूबसूरत सफर हो सकता है यदि कुछ सच्चाइयो को समझा जाये व इसको जरूरत से अधिक नियोजित करने का प्रयास ना किया जाए।   सहजता व अनिश्चितता ही जीवन की सुंदरता है।  हमारी मानसिक कल्पनाओ को सत्य करने के प्रयास में हम संघर्ष में फँसते है। हर कल्पना को साकार नही किया जा सकता।क्योकि सहजता की राह जिद से नही समपर्ण से आती है।   यदि शांत रहकर जानने का प्रयास करे तो जीवन रूपी नदी के सहज प्रवाह को समझ कर हम अपनी योजनाओं को बना सकते है। पर जागरूकता के बिना  योजना  एक संघर्ष में परिवर्तित हो जाती है।  जागना क्या है ?  जागरूकता क्या है?   जब आप विचारों के सघन जाल में उलझे होते हैं तो आप जागरूक नही होते तब या तो आपके अनुभव यानी अतीत या भविष्य की मानसिक कल्पनाएं आपको संचालित करती है। पर आवश्यकता होती है कि आप वर्तमान में जागरूक हो,अभी इसी क्षण में।  अभी इसी क्षण को देखे पूरी तरह इसके लिए अपनी सांसो पर एकाग्र होना एक अच्छी तकनीकी है। बहुत सरल है शांत होकर समझे चौकोर खानों में गोल वस्तु समायोजित नही हो सकती  और आप को ...

जीवन सूर्य 9

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 प्रार्थना हर वो शब्द है जो आपके ध्यान मे व मन मे बार बार गूंजता रहता है अर्थात जिस आत्म वार्तालाप को आप दोहराते रहते है वही आपके चैतन्य से आपकी प्रार्थना है। ब्रह्माण्ड की आपके अंदर उपस्थित शक्तियां ही आपके आत्म वार्तालाप पर प्रतिक्रिया देती है आपका जीवन सूर्य भेदभाव नही करता जो भाव बारम्बार आपके मन मस्तिष्क में गुंजायमान होता है उसे आपकी इच्छा मानकर व उसे साकार करने के प्रयास में लग जाता है।        अपने ईश्वर आप स्वंय है आपकी प्रार्थनाएँ तभी पूरी होगी जब आपकी कल्पना व आशा दोनो में सामंजस्य होगा। आशा आप स्वस्थ होने की करे पर मानसिक चित्र रोग का बनाते रहे यानि कल्पना रोग की पर उम्मीद व प्रार्थना स्वास्थ की हो तो कल्पना सत्य हो जाती है प्रार्थना नही। यही कारण है कि आपको अपनी प्रार्थनाओं के सही परिणाम नही मिलते।         जो रचना करेगे वो साकार होगा ,प्रार्थना करे पर साथ ही मन मे उसी परिणाम का चित्र बनाये जो आप सत्य रूप में देखना चाहते है। जीवन सूर्य का प्रयोग अपने हित मे करे,जागरूकता से करे, विश्वास से करे। यहाँ वही कहावत चरितार्थ होती है कि "बी...

जीवन सूर्य 8

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 जीवन सूर्य को निर्देशित करने के लिए आत्म सुझाव की अनेक तकनीकियां है पर मैं आपको सरलतम विधि बताना चाहती हु। अब तक आप जान चुके है कि आत्म संवाद निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और जब जागरूक होकर आत्म संवाद हो तो वही आत्म सुझाव है।  ये जीवन की रचना करने की शक्ति है। जीवन के जिस हिस्से का हम अपनी रचनात्मकता से निर्माण कर सकते उसे भाग्य भरोसे नही छोड़ना चाहिए।  ये सीखने के लिए इस क्षण अपने ह्रदय को बच्चो सा मासूम व पवित्र बना लीजिए और विश्वास कीजिये जब आप ये पंक्ति पढ़ रहे है तबसे 7 दिन तक आप स्वंय से जो कहेंगे वो भविष्य में जाकर साकार हो जाएगा। ये समझिए अब आपके पास जादुई शक्ति है जो आपके आत्म संवाद को ही आपकी इच्छा समझ कर प्रतिक्रिया देगी। तो अब आप अपने आप से अपने बारे में क्या कहेगे?आप अपने व्यवसाय या नौकरी के बारे में किस प्रकार के शब्द स्वयम से कहना चाहेंगे? अपने जीवनसाथी व बच्चो के लिए अपने मन मे क्या कहेंगे?सावधान व जागरूक हो जाइये बस इतना ही।  जो आप चाहते है कि आपके जीवन मे साकार हो वही आपको कहना है ।बस इतना ही सरल है । जो आपकी इच्छा है वहीं आपकी कल्पना हो वही आत्म सुझ...

जीवन सुर्य 7

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 आत्म सुझाव अपने आप चलने वाला संवाद है जो निरन्तर चलता ही रहता है। हमे इस संवाद पर ध्यान देना है ।अभी इसी क्षण आप अपने आप से क्या कह रहे है ,जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण दरसअल आपके अंदर चलने वाली यही आवाज निर्धारित करती है। एक क्षण अपने विचारों को विश्राम दे ,एक पेपर पेन ले व लिखे क्या उम्मीद या आशाएँ है आपकी अपने जीवन से । चलिए इसमे मैं आपकी मदद कर देती हूँ, आप 8 कॉलम बनाये-- 1 जीवनसाथी 2बच्चे 3आपका व्यवसाय या नौकरी 4 मित्र व रिश्तेदार 5 स्वास्थ्य 6 शांति व संतुष्टि के कारण 7 जीवन के उपहार 8 जीवन की समस्याएं प्रत्येक में सत्य लिखे जो आपके मन मे चलता रहता है निरंतर।विचारो की काटछांट ना करे।         ये जीवन के 8 क्षेत्र है बिना रुके लिखते रहे ताकि आप स्वंय जान पाए कि कैसे भविष्य का आप निर्माण कर रहे है।         आपकी जीवन मे इच्छाएँ क्या है ये महत्वपूर्ण नही है बल्कि जीवन से आप कैसी आशा रखते है ये महत्वपूर्ण है। जब जंग आपकी कल्पना व इच्छाओं में होती है तो हमेशा कल्पना ही जीतती है।           आप जाने अनजाने क्या...

जीवन सूर्य 6

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 सुशांत सिंह राजपूत का ये दुखद घटनाक्रम झंझोर देने वाला है। मन दुख व अफसोस से स्तब्ध है काश वो सीख जाते के जीवन के स्क्रिप्ट राइटर कोई और नही वे स्वयं है तो शायद कुछ और ही कहानी लिखी व जी होती उन्होंने।          उनको श्रद्धांजलि देते हुए अपनी बात प्रारम्भ करती हूं जीवन सूर्य के प्रकरण में आत्म संवाद के महत्व को स्प्ष्ट कर रही थी मैं।         क्या सोचते है आप ?क्या बातचीत करते होंगे सुशांत स्वयं से अपने अंतिम दिनों में?आप सभी सहज अंदाजा लगा सकते है कि वो आत्मसंवाद निराशा जनक ही होगा। यदि कोई उनकी मदद कर पाता कि वो "निराशा जनक आत्म संवाद" को "सकारात्मक आत्म सुझाव" में बदल दे तो वो आज भी जीवित होते।          वो एक शक्तिशाली मस्तिष्क के स्वामी थे जब सफलता की कल्पना की तो उनके जीवन सूर्य ने सफलता का आकाश दिया उन्हें ,जब वो ही कल्पना विनाशकारी बनी तो उनके प्राण की आहुति ले ली। क्यों एक जीवन शक्ति का प्रयोग उन्होंने अपने खिलाफ किया?क्यो इसका प्रयोग कर वो जीवन की समस्याओं से मुक्त नही हो पाए?         ...