स्वयम की खोज

पिछली कुछ पोस्ट में मैं" स्वयं की खोज " पर बात कर रही थी कि कैसे हम अपनी रचनात्मकता को पहचान कर अपनी चेतना तक पहुँच सकते है और फिर जीवन मे संतुलन व समन्वय बनाकर अपनी प्राथमिकताओ का निर्धारण कर सकते है ताकि जीवन आपकी अंत:चेतना की परिपूर्ण अभिव्यक्ति बने और आप एक अदभुत जीवन  का आनंद ले सकें।
    परन्तु यदि आप ऊपर बताई चीजे न कर सके तो एक आसान कार्य तो कर ही सकते है वो है "आभार का अभ्यास "यानि हर पल आभारी रहे ,निरंतर खोजते रहे कि जीवन में आप किस किस चीज के लिए धन्यवाद दे सकते है।
केवल आभार के अभ्यास से ही आप जीवन मे प्रेम की ओर पहला कदम बढ़ा देगे जो कि हमारे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है। "प्रेम" कितना आसान सा शब्द है पर क्या प्रेम करना भी इतना आसान है? हम या तो प्रेम करने के लिए आत्मा को खोजते है या परमात्मा को क्या गजब की बात है दोनों को ही हम न देख पाते है ना अधिकतर लोग अनुभव कर पाते है,और जो हम देखते हैं अनुभव करते है जैसे हमारे दोस्त,रिश्तेदार, प्रकृति, फूल,पेड़ पौधे,जीव जंतु आदि उन्हें हम प्रेम के योग्य नही समझते अदभुद है। 
एक क्षण विचारो को विराम दीजिये सोचिए क्या हम स्वयं को भी प्रेम कर पाते है। पूरे दिन में कितनी बार खुद पर ही गुस्सा होते है, अपनी कमिया देखते है। हम जब अपनी उपेक्षाओं पर खरे नही उतरते तो अपने खिलाफ ही मुकदमा तैयार करते है पर सावधानी से, दूसरों को अहसास नही होने देते ,उनके सामने तो सवश्रेष्ठ होने का अभिनय करते है। मेरा आपसे अनुरोध हैं अपनेआप से निःस्वार्थ प्रेम कीजिये,स्वीकार करे आप अच्छे है, अनोखे है क्योंकि आपका ईश्वर अच्छा रचनाकार है और उसी ने आपको रचा है पर आपने अपने विश्वास व असत्य धारणाओं से अपना नया स्वरूप बना लिया व अपनी चेतना से दूर हो गए। कहिये की आप सुंदर है पवित्र है अच्छे है प्रेम व शांति आपका मूल स्वभाव है। पहले खुद से प्रेम करें तभी आप अपनो से प्रेम कर पाएंगे। प्रेम करके तो देखिए पहले स्वयं से फिर अपनो से फिर अन्य लोगो से ,फिर प्रकृति से। फिर आप इस योग्य होंगे कि ईश्वर से प्रेम कर पाए,उसे अनुभव कर पाए।
इस प्रेम के संसार मे कदम रखिये आप आनंदित होंगे व आपके संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति आपमे कुछ अनोखा महसूस करेगा। हर कोई सोचेगा कुछ तो खास हो आप पर जान नही पायेगा की क्या परिवर्तन हुआ ? आपकी ऊर्जा नकरात्मकता को सकरात्मकता में बदल देगी। आपकी चेतना से आपका संपर्क पुनःस्थापित हो जाएगा। प्रेम की इस आंनद यात्रा पर अगली पोस्ट में कुछ और कदम रखेगे तब तक आप आभार के अभ्यास के साथ प्रेम का अभ्यास भी कीजिये । Good luck

Minakshi Gupta
Cartomancer
9808572535

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