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जीवन सूर्य 9

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 प्रार्थना हर वो शब्द है जो आपके ध्यान मे व मन मे बार बार गूंजता रहता है अर्थात जिस आत्म वार्तालाप को आप दोहराते रहते है वही आपके चैतन्य से आपकी प्रार्थना है। ब्रह्माण्ड की आपके अंदर उपस्थित शक्तियां ही आपके आत्म वार्तालाप पर प्रतिक्रिया देती है आपका जीवन सूर्य भेदभाव नही करता जो भाव बारम्बार आपके मन मस्तिष्क में गुंजायमान होता है उसे आपकी इच्छा मानकर व उसे साकार करने के प्रयास में लग जाता है।        अपने ईश्वर आप स्वंय है आपकी प्रार्थनाएँ तभी पूरी होगी जब आपकी कल्पना व आशा दोनो में सामंजस्य होगा। आशा आप स्वस्थ होने की करे पर मानसिक चित्र रोग का बनाते रहे यानि कल्पना रोग की पर उम्मीद व प्रार्थना स्वास्थ की हो तो कल्पना सत्य हो जाती है प्रार्थना नही। यही कारण है कि आपको अपनी प्रार्थनाओं के सही परिणाम नही मिलते।         जो रचना करेगे वो साकार होगा ,प्रार्थना करे पर साथ ही मन मे उसी परिणाम का चित्र बनाये जो आप सत्य रूप में देखना चाहते है। जीवन सूर्य का प्रयोग अपने हित मे करे,जागरूकता से करे, विश्वास से करे। यहाँ वही कहावत चरितार्थ होती है कि "बी...

जीवन सूर्य 8

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 जीवन सूर्य को निर्देशित करने के लिए आत्म सुझाव की अनेक तकनीकियां है पर मैं आपको सरलतम विधि बताना चाहती हु। अब तक आप जान चुके है कि आत्म संवाद निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और जब जागरूक होकर आत्म संवाद हो तो वही आत्म सुझाव है।  ये जीवन की रचना करने की शक्ति है। जीवन के जिस हिस्से का हम अपनी रचनात्मकता से निर्माण कर सकते उसे भाग्य भरोसे नही छोड़ना चाहिए।  ये सीखने के लिए इस क्षण अपने ह्रदय को बच्चो सा मासूम व पवित्र बना लीजिए और विश्वास कीजिये जब आप ये पंक्ति पढ़ रहे है तबसे 7 दिन तक आप स्वंय से जो कहेंगे वो भविष्य में जाकर साकार हो जाएगा। ये समझिए अब आपके पास जादुई शक्ति है जो आपके आत्म संवाद को ही आपकी इच्छा समझ कर प्रतिक्रिया देगी। तो अब आप अपने आप से अपने बारे में क्या कहेगे?आप अपने व्यवसाय या नौकरी के बारे में किस प्रकार के शब्द स्वयम से कहना चाहेंगे? अपने जीवनसाथी व बच्चो के लिए अपने मन मे क्या कहेंगे?सावधान व जागरूक हो जाइये बस इतना ही।  जो आप चाहते है कि आपके जीवन मे साकार हो वही आपको कहना है ।बस इतना ही सरल है । जो आपकी इच्छा है वहीं आपकी कल्पना हो वही आत्म सुझ...

जीवन सुर्य 7

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 आत्म सुझाव अपने आप चलने वाला संवाद है जो निरन्तर चलता ही रहता है। हमे इस संवाद पर ध्यान देना है ।अभी इसी क्षण आप अपने आप से क्या कह रहे है ,जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण दरसअल आपके अंदर चलने वाली यही आवाज निर्धारित करती है। एक क्षण अपने विचारों को विश्राम दे ,एक पेपर पेन ले व लिखे क्या उम्मीद या आशाएँ है आपकी अपने जीवन से । चलिए इसमे मैं आपकी मदद कर देती हूँ, आप 8 कॉलम बनाये-- 1 जीवनसाथी 2बच्चे 3आपका व्यवसाय या नौकरी 4 मित्र व रिश्तेदार 5 स्वास्थ्य 6 शांति व संतुष्टि के कारण 7 जीवन के उपहार 8 जीवन की समस्याएं प्रत्येक में सत्य लिखे जो आपके मन मे चलता रहता है निरंतर।विचारो की काटछांट ना करे।         ये जीवन के 8 क्षेत्र है बिना रुके लिखते रहे ताकि आप स्वंय जान पाए कि कैसे भविष्य का आप निर्माण कर रहे है।         आपकी जीवन मे इच्छाएँ क्या है ये महत्वपूर्ण नही है बल्कि जीवन से आप कैसी आशा रखते है ये महत्वपूर्ण है। जब जंग आपकी कल्पना व इच्छाओं में होती है तो हमेशा कल्पना ही जीतती है।           आप जाने अनजाने क्या...

जीवन सूर्य 6

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 सुशांत सिंह राजपूत का ये दुखद घटनाक्रम झंझोर देने वाला है। मन दुख व अफसोस से स्तब्ध है काश वो सीख जाते के जीवन के स्क्रिप्ट राइटर कोई और नही वे स्वयं है तो शायद कुछ और ही कहानी लिखी व जी होती उन्होंने।          उनको श्रद्धांजलि देते हुए अपनी बात प्रारम्भ करती हूं जीवन सूर्य के प्रकरण में आत्म संवाद के महत्व को स्प्ष्ट कर रही थी मैं।         क्या सोचते है आप ?क्या बातचीत करते होंगे सुशांत स्वयं से अपने अंतिम दिनों में?आप सभी सहज अंदाजा लगा सकते है कि वो आत्मसंवाद निराशा जनक ही होगा। यदि कोई उनकी मदद कर पाता कि वो "निराशा जनक आत्म संवाद" को "सकारात्मक आत्म सुझाव" में बदल दे तो वो आज भी जीवित होते।          वो एक शक्तिशाली मस्तिष्क के स्वामी थे जब सफलता की कल्पना की तो उनके जीवन सूर्य ने सफलता का आकाश दिया उन्हें ,जब वो ही कल्पना विनाशकारी बनी तो उनके प्राण की आहुति ले ली। क्यों एक जीवन शक्ति का प्रयोग उन्होंने अपने खिलाफ किया?क्यो इसका प्रयोग कर वो जीवन की समस्याओं से मुक्त नही हो पाए?         ...

जीवन सूर्य 5

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 मैं प्रयास कर रही हु की साधारण भाषा मे व संक्षेप में जीवन सूर्य से आप सभी का परिचय करा दू । हम इसके कार्य करने का सिद्धांत समझ कर अपने जीवन  में खुशी व सफलता के लिए सही दिशा में प्रयास कर सकते है। अपना समय व ऊर्जा जीवन के सही निर्माण में लगा सकते है।          मैं आत्म संवाद के विषय मे आपको बता रही थी आत्म संवाद यानी यानी हमारा हमसे होने वाला संवाद या बातचीत। आप थोड़ा ध्यान दे जब आप ये लेख पढ़ रहे है तो पढ़ते पढ़ते भी एक संवाद आपके मस्तिष्क में निरंतर हो रहा है।आप जो पढ़ रहे है उसके बारे में अपने आप से कुछ ना कुछ लगातार कह रहे है।कोई भी कार्य आप कर रहे हो ये बातचीत आपके भीतर अनवरत रूप से चलती रहती है।           आपको जब कोई महत्त्वपूर्ण कार्य करना हो तो शुरू करने से पहले या तो आप स्वंय से कहते हो मैं इस कार्य को सफलतापूर्वक कर लूँगा या कहते हो मुझे नही लगता मैं ये कर पाऊंगा। आप जो भी खुद से ज्यादा बार कहते हो आपका जीवन सूर्य उसे ही साकार कर देता है। कोई क्या कहता है? उससे आपक जीवन निर्धारित नही होता पर""आप स्वयं से बार बार क्या ...

जीवन सूर्य 4

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 जीवन सूर्य एक ऊर्जा व सूचना उपकरण है हमारे शरीर का, ये ना आत्मा है, ना ही ये ईश्वर है। जिसप्रकार आपके शरीर के अन्य अंग हाथ पैर मस्तिष्क इत्यादि है उसी प्रकार ये भी जीवन को चलाने का एक उपकरण है जो ब्रम्हांड की ऊर्जा से आपको जोड़ता है।  चेतन मस्तिष्क पर सिर्फ वो ही सूचनाए होती है जो आप जीवन मे एकत्र करते है पर जीवन सूर्य या अवचेतन पर यूनिवर्सल ऊर्जा से जुड़ने की सामर्थ्य होती है। यू कह सकते है कि एक रहस्यमय इंटरनेट है यूनिवर्स या ब्रह्माण्ड में जिस तक इस जीवन सूर्य की पहुँच है। पर इतना शक्तिशाली होने पर भी भी जीवन सूर्य अधिकाँश कार्य हमारे निर्देशो के अनुसार करता है। जीवन की पौषण श्वसन आदि स्वचालित क्रियाए ये हमारे निर्देश के बिना करता है बाकी सभी कार्य हम जानबूझकर या अनजाने में इसको निर्देशित  करवाते है। जितने भी महान वैज्ञानिक, लेख़क, कलाकार,चित्रकार या रचनात्मक हस्तियां है वो अपनी विलक्षण प्रतिभा इसके माध्यम से ही प्राप्त करती है। ये अदभुत निर्णयकर्ता है, हर समस्या का समाधान इसके पास है, रचनात्मकता का भंडार है, ऊर्जा का सतत स्रोत है। हमारा जीवन सूर्य हमारे कहे गए शब्दो,सोच...

जीवन सूर्य 3

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 सूर्य प्रकृति की ऊर्जा का अक्षय स्रोत है तो जीवन सूर्य हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत है।यदि भौतिक रूप से व्याख्या करनी हो तो इसका स्थान कुछ विद्वानों के अनुसार हमारी नाभि के थोड़ा नीचे पीछे की ओर है  । यदि ऊर्जा शरीर की बात करे तो ये सोलर प्लेक्सस या अव चेतन मस्तिष्क भी कहा जाता है।         अलग अलग विद्वानों ने इसका वर्णन अपने ज्ञान व अनुभव के आधार पर किया है। इसका यथार्थ स्वरूप ना भी जान पाए पर इतना समझना भी रोमांचक है कि एक सूर्य हम सभी के भीतर है।  जिस प्रकार बिजली को जान पाना मुश्किल है समझ पाना मुश्किल है पर इसका प्रयोग करना सीखकर हम इसका लाभ ले सकते है उसी प्रकार यदि हम सही रूप में जीवन सूर्य का प्रयोग सीख ले या केवल उसके कार्य मे बाधा डालना बंद कर दे तो परिणाम चमत्कारी होंगे।          जीवन सूर्य का प्रकाश अनुभव करें, इसे अपने चेतन मस्तिष्क द्वारा सही निर्देश भेजे क्योंकि ये तभी कार्य करेगा जब आप इसे करने दे। ये अवचेतन आपके चेतन मस्तिष्क का सेवक है। जो आप विश्वास कर लेते हो उसे ये सत्य बना देता है।  तो सावधान हो जाए अ...