जीवन सूर्य 5

 मैं प्रयास कर रही हु की साधारण भाषा मे व संक्षेप में जीवन सूर्य से आप सभी का परिचय करा दू । हम इसके कार्य करने का सिद्धांत समझ कर अपने जीवन  में खुशी व सफलता के लिए सही दिशा में प्रयास कर सकते है। अपना समय व ऊर्जा जीवन के सही निर्माण में लगा सकते है।

         मैं आत्म संवाद के विषय मे आपको बता रही थी आत्म संवाद यानी यानी हमारा हमसे होने वाला संवाद या बातचीत। आप थोड़ा ध्यान दे जब आप ये लेख पढ़ रहे है तो पढ़ते पढ़ते भी एक संवाद आपके मस्तिष्क में निरंतर हो रहा है।आप जो पढ़ रहे है उसके बारे में अपने आप से कुछ ना कुछ लगातार कह रहे है।कोई भी कार्य आप कर रहे हो ये बातचीत आपके भीतर अनवरत रूप से चलती रहती है। 

         आपको जब कोई महत्त्वपूर्ण कार्य करना हो तो शुरू करने से पहले या तो आप स्वंय से कहते हो मैं इस कार्य को सफलतापूर्वक कर लूँगा या कहते हो मुझे नही लगता मैं ये कर पाऊंगा। आप जो भी खुद से ज्यादा बार कहते हो आपका जीवन सूर्य उसे ही साकार कर देता है। कोई क्या कहता है? उससे आपक जीवन निर्धारित नही होता पर""आप स्वयं से बार बार क्या कहते हो व अत्यंत महत्वपूर्ण है""

        विश्वास कीजिये जीवन में इससे महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं ये आत्म संवाद जब बार बार कोई बात दोहराता है तो वह हमारे विश्वास व धारणाओं का हिस्सा बन जाती है। यही विश्वास व धारणाए हमारे विचारों व भावनाओं को पुष्ट करती है जो निर्देशित करती है हमारे अवचेतन या जीवन सूर्य को। 

        इसी लिए कहा गया है कि यदि आप सोचते है कि आप सफल होंगे या सोचते है कि असफल होंगे दोनो सूरतो में आप सही होते है।

         "आत्म संवाद की पुनरावृत्ति उसके साकार होने की भविष्यवाणी है।"


Minakshi Gupta

Cartomancer

9675754447


इससे पहली पोस्ट का link

https://www.facebook.com/221564935309075/posts/712526502879580/


इससे बाद वाली पोस्ट का link

https://www.facebook.com/221564935309075/posts/720248562107374/


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन पर आस्था

The third rule of life is the "Law of Life's Bank Account"