जीवन सूर्य 3


 सूर्य प्रकृति की ऊर्जा का अक्षय स्रोत है तो जीवन सूर्य हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत है।यदि भौतिक रूप से व्याख्या करनी हो तो इसका स्थान कुछ विद्वानों के अनुसार हमारी नाभि के थोड़ा नीचे पीछे की ओर है  । यदि ऊर्जा शरीर की बात करे तो ये सोलर प्लेक्सस या अव चेतन मस्तिष्क भी कहा जाता है।

        अलग अलग विद्वानों ने इसका वर्णन अपने ज्ञान व अनुभव के आधार पर किया है। इसका यथार्थ स्वरूप ना भी जान पाए पर इतना समझना भी रोमांचक है कि एक सूर्य हम सभी के भीतर है। 

जिस प्रकार बिजली को जान पाना मुश्किल है समझ पाना मुश्किल है पर इसका प्रयोग करना सीखकर हम इसका लाभ ले सकते है उसी प्रकार यदि हम सही रूप में जीवन सूर्य का प्रयोग सीख ले या केवल उसके कार्य मे बाधा डालना बंद कर दे तो परिणाम चमत्कारी होंगे। 

        जीवन सूर्य का प्रकाश अनुभव करें, इसे अपने चेतन मस्तिष्क द्वारा सही निर्देश भेजे क्योंकि ये तभी कार्य करेगा जब आप इसे करने दे। ये अवचेतन आपके चेतन मस्तिष्क का सेवक है। जो आप विश्वास कर लेते हो उसे ये सत्य बना देता है। 

तो सावधान हो जाए अपने व अपने जीवन के बारे में उन्ही विश्वासो की रचना करें जिन्हें आप सत्य रूप में परिवर्तित होता देखना चाहते है।

एक जादुई शक्ति आपके भीतर भी है आवश्यक ये है कि उसका प्रयोग अपने हित मे करना सीखें। सीखने का ये जादुई सफर जारी रखते है अगली पोस्ट में ......... 


Minakshi Gupta

Cartomancer

9675754447


इससे पहली पोस्ट का लिंक

https://www.facebook.com/221564935309075/posts/710969083035322/


इससे बाद वाली पोस्ट का link

https://www.facebook.com/221564935309075/posts/712526502879580/

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन सूर्य 5

जीवन पर आस्था

The third rule of life is the "Law of Life's Bank Account"