शांति व संतुलन

 अगर आप कोई कार्य शुरू करते है और आपके मन मे शांति व विश्वास है तो वह कार्य अवश्य ही सफलता की परिणीति तक पहुचता है। शांति से संतुलन आता है संतुलन से विश्वास  जाग्रत होता है ।विश्वास की शक्ति चमत्कार कर सकती हैं। विश्वास पहली शर्त है पर  विश्वास आप पैदा नही कर सकते यह स्वयम ही जागता है या कहे कि प्रकट होता है 

शांति ,संतुलन व विश्वास आपके कार्य को आसान व सहज बनाते है। अल्प प्रयास से ही कार्य सिद्ध हो जाता है अर्थात सफल हो जाता है। अधिक प्रयास संघर्ष का संकेत है । संघर्ष अत्यधिक ऊर्जा को व्यय करता है। जीवन के प्रवाह को पहचानना उसके अनुसार लक्ष्य व परिणामो को निर्धारित करना फिर शांति व संतुलन के साथ एक पहल करना व बिना दवाब में आए सहज प्रयास विश्वास के साथ करना सफलता को निश्चित करता है। आपका अंतर्मन कार्य के दौरान ही जान जाता है कि आप सफल होगे या असफल क्योकि व आपके अहसासों को गिनता है प्रयासों को नही।

"अनंत शांति सही संतुलन व अल्प प्रयास ही सफलता का मार्ग है।"


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