सफलता के लिए बुद्धि व अन्तर्मन का समन्वय जरूरी है।

 जीवन को अनुभव से जानना चाहिए। हमारे अपने अनुभव ही जीवन के रहस्य को स्पष्ट करते है।

अभी इसी क्षण में अपने विचारों की रफ्तार को थामे व स्वय से प्रश्न पूछे क्या चाहते है आप? हो सकता है आप की चाहत धन हो ,पद हो,जीवनसाथी हो, सम्मान या फिर किसी अन्य लक्ष्य की सफलता,

पर रुक के ये जानना आवश्यक है कि ये अनंत भागदौड़ आखिर क्यों कर रहे है?


जीवन को हमने युद्ध समझ लिया है ,

संघर्ष व मेहनत ही इसकी नियति मान के चलते है।

       एक बार अपने आप के साथ शांति से समय गुजारे व एक लिस्ट बनाये की आप क्या चाहते है जीवन से ?

फिर जांच करे अपनी इच्छाओं की ,

क्या आपकी आशाए वही है जो आपकी इच्छा है ?या इच्छा तो है सफल होने की पर आपके अंतर्मन में कोई अन्य ही तस्वीर है जो आपके सपनो से मेल नही खाती।

 इच्छाएं व आशाए समन्वय में होगी तब ही आप एक मानसिक चित्र बना सकेंगे सफलता का।

ये चित्र ही आपके अवचेतन के लिए आपका निर्देश होगा जिसके लिए आपका अवचेतन सक्रिय हो जाएगा व पूरी कोशिश करेगा चित्र को साकार करने के लिए।

           यही बुद्धि व अंतर्मन का समन्वय जीवन के हर क्षेत्र में जादू उत्पन्न करता है।ध्यान से अवलोकन करें अपने जीवन से ही सीखे।

 जब कभी आपको पूरा विश्वास रहा होगा व आपके अन्तर्मन ने सही चित्र बनाया होगा आप सफल हुए होंगे औऱ जब कभी आपकी इच्छा व विश्वास जनित चित्र में विरोधाभास होगा तो आप पूरी तरफ सफल नही हो पाए होंगे।


"सफलता के लिए अपने ह्रदय की इच्छाओं का चित्र बनाए ,अपने भय का नही"


मीनाक्षी गुप्ता

Cartomancer


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