प्रार्थना को साकार करने के लिए आपको सफलता का मानसिक चित्र बनाना चाहिए।समस्या,भय,असफलता की कल्पना छोड़कर सफलता,खुशी व समाधान की स्पष्ट कल्पना करनी चाहिए।

  केवल आपके शब्दो से प्रार्थना को पूरा नही किया जा सकता।आपका विश्वास जब आपकी सकरात्मक कल्पना में रंग भरता है तब यह चित्र आपकी चेतना पर अंकित होता है। चेतना शक्ति ही प्रार्थनाओं को भौतिक रूप में साकार करने वाली शक्ति है जो आप मे ही निहित है या यूं कहें कि आपका  संपूर्ण अस्तित्व भी उसी की रचना है। 

   प्रार्थना,आस्था व मानसिक चित्रण ही महत्वपूर्ण है शेष कार्य चेतना स्वयम ही करती है।

मीनाक्षी गुप्ता


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन पर आस्था

Power of self Affirmation

Embrace the Principle of Polarity: Finding Balance in Life's Ups and Downs